26 दिसंबर से सात दिवसीय 31 वां हिंदी मेला भारतीय भाषा परिषद में
जलज वर्मा
| 19 Dec 2025 |
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कोलकाता। सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा भारतीय भाषा परिषद के सहयोग से 31वां हिंदी मेला परिषद सभागार में लघु नाटक मेला से आरंभ होने जा रहा है।इस बार कोलकाता, हावड़ा, हुगली, नदिया,उत्तर 24 परगना, वर्द्धमान, पुरुलिया, आसनसोल, मिदनापुर,नार्थ बंगाल, दुर्गापुर आदि शहरों के 100 से ऊपर स्कूल,काॅलेज और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी और युवा विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे।
31वें हिंदी मेला को लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में प्रो. संजय जायसवाल ने कहा कि किसी जन मंच पर देश में पहली बार 'भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक हिंदी साहित्य ' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी और संवाद का आयोजन किया गया है।इसमें देश भर के विद्वान भाग ले रहे हैं। वे हैं- नरेश सक्सेना (लखनऊ), विजय बहादुर सिंह (भोपाल), अवधेश प्रधान (बनारस), गोपेश्वर सिंह (दिल्ली), सदानंद शाही (बनारस), अच्युतानंद मिश्र (केरल), किशन कालजयी (भागलपुर), आशीष त्रिपाठी (बनारस), राहुल सिंह (शंतिनिकेतन), तसनीम खान (रायपुर)।
इनके अलावा कोलकाता कविता उत्सव में भी देश की विभिन्न जगहों के कवि भाग ले रहे हैं। वे हैं- अनिल त्रिपाठी, सावित्री बड़ाईक, निर्मला पुतुल, निर्मला तोदी, शहंशाह आलम, महेश आलोक, अंजुमन आरा, मृत्युंजय कुमार सिंह, राम प्रवेश रजक, मनीषा झा, संध्या नवोदिता, सुनील कुमार शर्मा, अनिरुद्ध सिन्हा, राज्यवर्धन, ज्योति शोभा, चाहत अन्वी, विनय सौरभ, शैलेश गुप्ता, रश्मि शर्मा, प्रशांत रमण रवि, घुंघरू परमार, प्रतिभा चौहान, अनिला राखेचा, गीता दूबे और मनीष यादव। हिंदी मेला भारत में अपनी तरह का अनोखा है। यह बच्चों, विद्यार्थियों और नौजवानों के बीच साहित्य के लोकप्रियकरण का अभियान है।
इसमें पश्चिम बंगाल के विभिन्न कोनों एवं झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र , उड़ीसा से 3000 से अधिक बच्चे, विद्यार्थी और नौजवान भाग ले रहे हैं। हिंदी मेले का उद्देश्य युवाओं के मन में अपनी मातृभाषा, साहित्य और भारतीय संस्कृति के प्रति अनुराग पैदा करना है और युवाओं की सृजनात्मक प्रतिभा को प्रकाश में लाना है।
31 वें हिंदी मेले में 14 सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है।
इन प्रतियोगिताओं में विजयी नौजवानों और विद्यार्थियों तथा सम्मान स्वरूप चुने गए व्यक्तित्वों को 3 लाख के ऊपर का पुरस्कार दिया जाएगा। हिंदी मेला में इस बार का विशेष आकर्षण है काव्य राग। इसमें निराला, प्रसाद, महादेवी, अज्ञेय, नागार्जुन आदि की कविताओं का आधुनिक धुन पर गायन करने के लिए मुंबई से प्रतिष्ठित युगल चिन्मयी त्रिपाठी और जोएल मुखर्जी आ रहे हैं। सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गोपेश्वर सिंह एवं विद्यासागर विश्वविद्यालय (मिदनापुर) के प्रोफेसर दामोदर मिश्र को ‘प्रोफेसर कल्याण लोढ़ा-लिली लोढ़ा सम्मान’ प्रदान करेगा। वरिष्ठ रंगकर्मी अमिताभ श्रीवास्तव (दिल्ली) को ‘माधव शुक्ल नाट्य सम्मान’, पत्रकार किशन कालजयी को ‘युगल किशोर सुकुल पत्रकारिता सम्मान’ तथा सुश्री तसनीम खान को ‘निर्मल वर्मा साहित्य सम्मान’ प्रदान किया जाएगा। विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों सौरिन मंडल, अमिता कोले और सरस्वती टुडू को ‘पंडित रामानंद द्विवेदी संस्कृत सम्मान’ दिया जाएगा। हिंदी मेला हिंदी की अखंडता और भारतीय भाषाओं के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए एक विशिष्ट आवाज है।भारतीय भाषा परिषद के वित्त सचिव घनश्याम सुगला ने कहा कि युवाओं के बीच अपने साहित्य -संस्कृति से प्रेम बढ़ाने के लिए हमारा सहयोग रहेगा। वरिष्ठ लेखक शंभुनाथ ने कहा कि हिंदी सबका घर है हिंदी मेला भी मानवता का उत्सव है।प्रेस कॉन्फ्रेंस को मृत्युंजय श्रीवास्तव के अलावा अनीता राय,उत्तम ठाकुर, हंसराज ने संबोधित किया।इस अवसर पर सूर्य देव राय, रूपेश कुमार यादव,आशुतोष राउत, चंदन भगत, अनिल साह, कंचन भगत, फरहान अजीज़ ने विशेष सहयोग दिया।